PFF Scheme: रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पेंशन का होना आवश्यक है। हालांकि, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह अक्सर संभव नहीं होता। ऐसे में, आर्थिक भविष्य की चिंता से मुक्त रहने के लिए एक प्रभावी निवेश योजना की आवश्यकता होती है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), जो पोस्ट ऑफिस द्वारा चलायी जाने वाली एक सरकारी योजना है, इस मामले में एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
PPF योजना का परिचय
PPF योजना एक दीर्घकालिक बचत योजना है जिसमें आप हर साल न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इस योजना में निवेश करने वाले व्यक्ति को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर में छूट का लाभ भी मिलता है।
ब्याज दर और लाभ
इस योजना में वर्तमान में 7.1 प्रतिशत का कंपाउंड ब्याज मिलता है। यह ब्याज हर वित्तीय वर्ष के अंत में जमा किया जाता है। PPF खाता 15 साल की अवधि में मैच्योर होता है, लेकिन इसे 5-5 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।
60,000 रुपये के निवेश पर रिटर्न
अगर आप प्रति माह 5000 रुपये का निवेश करते हैं, तो एक साल में आपका कुल निवेश 60,000 रुपये होगा। 15 साल बाद, आपके खाते में 9,00,000 रुपये की राशि जमा होगी। इस पर 7.1 प्रतिशत ब्याज के अनुसार आपको कुल 7,27,284 रुपये का ब्याज मिलेगा। इससे आपकी कुल राशि 16,27,284 रुपये हो जाएगी।
खाता खोलने की पात्रता
PPF खाता कोई भी भारतीय नागरिक, जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो, आसानी से खोल सकता है। इसके साथ ही, नाबालिगों के लिए भी खाता उनके माता-पिता या अभिभावक के माध्यम से खोला जा सकता है।
निष्कर्ष
यदि आप एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश विकल्प की तलाश में हैं, तो पोस्ट ऑफिस की PPF योजना एक उत्तम विकल्प हो सकती है। यह न केवल आपको रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि आपको टैक्स बचाने का भी अवसर देती है। इस योजना में निवेश करके, आप अपने भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बना सकते हैं।
PPF योजना की 3 खास बातें
सुरक्षित निवेश: यह एक सरकारी योजना है, जो आपके निवेश को सुरक्षित रखने का आश्वासन देती है और बाजार के उतार-चढ़ाव से मुक्त होती है।
लंबी अवधि का लाभ: PPF में निवेश की अवधि 15 साल होती है, जिससे आप लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं, जो आपको रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
कर लाभ: इस योजना में किए गए निवेश पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर में छूट मिलती है, जिससे आपकी कुल कर देयता कम हो जाती है।